होता कुछ भी हो पर वैसा कभी होता नहीं
कौन क्या सोचता है ये आप की सोंच जैसा होता नहीं
कुछ भी हो वो कभी किसी को अपना समझते नहीं
हम कितनी भी जफा करले वो हमसे वफ़ा कभी करते नहीं
हर बार जैसा सोचता हुं वैसा कभी होता नहीं
कितना भी कोशिश करूँ हमारा कोई होता नहीं...
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