Monday, 21 February 2022

बुढ़ापा

की वो बहुत अजीब होता है किसी को जवानी से बुढ़ापे पे जाते देखना,
जो नज़दीक से देखा वो हैं माँ बाप, 
और अब जब सब लोग बुढ़ापे की तरफ़ बड़ रहे 
तो एक अजीब सा माहौल रहता है मन  में जो शायद सभी को ना होता हो, 
पर कुछ लोग इसको समझेंगे और शायद ना भी समझे,
 ये उलझा हुआ इस  लिए है क्यू कि लोग  इसका दूसरा पहलू सोचने लगेंगे जो है 
जवानी पर म वापस बुड़ापे में में ही इस को समझना चाहूँगा 
 एक अजीब सा दर्द देखा है, जो महसूस होता है पर आप वो ले नहीं सकते,
अजीब से ख़ुशी की पीछे एक अजीब सी कराहने की आवाज़ जो बंद नहीं हो रही 
एक अजीब सा सन्नाटा जो शांत माहौल को सन्नाटे में बदल देता है,
एक अजीब अनहोनी जो होगी पर उसका दर अजीब सा है, 
एक अकेलापन जो सन्नाटे में चिल्लाता है,  शायद ये सब सोच सिर्फ़ एक सोच है 
या अकेलेपन में खुद को पागल करने की निशानी जो हो  के भी नहीं है
पर ये सब होगा ज़रूर एक वक्त आएगा और इसके  साथ सब को ले जाएगा 
हम तो बस अब सब एक जगह रख रहे हैं, ताकि कल सब ना हो के भी ना कर पाए जैसा महसूस ना हो 
क्यू कि हम तो बस एक उम्मीद हैं, 
और उम्मीद सब से नहि होती ।।।।।  

Saturday, 3 July 2021

क्या फर्क पड़ेगा

 क्या फर्क पड़ेगा
अगर मै कल मर गया तो?
किसी  को फर्क पड़ेगा 
मै जानता हु किसी को नहीं पड़ेगा, हाँ फिर वो मेरा परिवार ही क्यों न हो
ऐसा गुस्से में नहीं कह रहा, ये हक़ीक़त भी नहीं है 
पर ऐसा सिर्फ इस लिए है है क्यों की मै ही कुछ गलत या अलग सोच में हु
शायद नकारात्मक सोच में
पर ऐसा क्यों हो गया
सच कहु तो मै ऐसा बन गया हु एक पल में खुश और एक पल में उदास होने लगा हु 
पहले कम होता था अब ज्यादा होने लग लगा हु
पर किसी से कह नहीं सकता, कह क कुछ हो  नहीं सकता
मुझे जीने आसान अब मरना लगने लगा है
और एक वक़्त आएगा जब मै ये कर दूंगा
ये कोई मन में बसा खाब नहीं है 
पर ये है
मुझे हारना या जीतना ज़रूरी नहीं लग रहा
मुझे जीन ज़रूरी नही लग रहा
पर मरना ज़रूर लग रहा है
हाँ मैंने किसी क लिए कुछ अच्छा नहीं किय होगा
दूसरो की मदत करना सोच था
पर एक। ..............................। 
बस अब कुछ अच्छा नहीं है
अच्छा लगता नहीं
मै कुछ कर क क भी खुश हुई हु अब
हु भी तो ज्यादा  देर नहीं हु
बस ऐसा क्यों है ये नहीं पता 

Monday, 5 November 2018

द्वन्द

कभी कभी अजीब रिश्ता ज़िन्दगी में बनता है, 

हाँ बनता है हम चाहते नही हैं बनाना पर बनता है, 

और वक़्त देने के बाद समझ आता है कि ये होना ही था, 

अजीब सी बेचैनी है, और एक सोच की इतने सारे दिनों में एक घटना भी अगर न होती तो क्या ये होता? 

या शायद कुछ भी न होता पर ये ज़रूर होता।

अब सोचने से कुछ होगा नही, और सामने वाला कितना समझता है ये तो उसकी हरकते बताती हैं, 

फिर भी वो उस द्वन्द में होगा शायद जो नही होना चाहिए, और अगर नही है तो वो क्यों है? 

उसके होने के बाद भी नही है तो एक और सवाल की ऐसा क्यों नही है?

Thursday, 28 July 2016

क्या समय सही है?

राजनीति समय आप को क्या क्या दिखता है?
राजनितिक निंदा या  परिनिन्द....
क्यों की कोई भी पार्टी अपने ही द्वारा किये हुए बुरे  कार्य के लिए कभी सड़को पे नहीं आई और ना ही कभी आएगी.....बीजेपी यू पी में आने क लिए सरे हतकंडे अपनाएगी, सपा सत्ता में रहने क लिए सारी ताकत लगाएगी, वो चाहे i.a.s. जो की शिवपाल यादव क दामाद है उनका तबादला pmo की चिट्ठी से हुआ।
कल तक जो cm हर  बात क लिए पूर्व pm को चुप रहना का ताना कस्ते थे आज जो जब pm बन गए तो चुप हैं।।
कल तक जो interview से बिना जवाब दिए आ जाते थे आज वो उनके जवाब पे ताली हो रही है।।

Saturday, 15 December 2012

रिश्ते......

  
रिश्ते का नाम होना कितना जरूति है....? 
इतना जरूरी है या बहूत जरुरी है.....? 
उसे रिश्ते का नाम नही पता, पर प्यार पता है, 
और  किसी को खुश करने की कोशिश में वो 
'उसे ' ही तकलीफ दे रहा है,  
प्यार का कोई नाम नही होता ,
पर प्यार का सम्मान जरूरी होता है, 
'इंसान के  पास प्यार होना चाहिए ,
रिश्ता माएने  नही रखता 
किसी को अपने जानवर से भी प्यार है, 
वो तो फिर भी इंसान है' 

कुछ शब्दों के गलत इस्तेमाल से प्यार को खोना आखिर क्या है? 

क्या प्यार में शब्दो का इस्तेमाल कितना जरूरी होता है? 

सामाजिकता और नैतिकता क्या इतने बुरे शब्द हैं?

सवाल कई हैं जवाब हैं.........
जवाब  नही है.....!!

Tuesday, 9 October 2012

हज़ारो जवाबो  से अच्छी तो हमारी ख़ामोशी.......
ना जाने कितने सवालों की आबरू रखे .........!!

Monday, 30 July 2012

.......अज़ीज़......

ज़िदगी जीने  के लिए जो भी सबसे ज्यदा जरूरी क्या है ?
दो पल रुको, कई सदियों से हो रहे माहौल कोम समझो....
शायद कई बाते मन में आए पर जो सबसे ज्यादा जरूरी है...
शायद वो है, कुछ लोगो का लगाव, 
कुछ लोग प्यार भी बोलते हैं।..
एक बार फिर से अपनी ज़िन्दगी को पीछे लो ,
और वो जो तुम्हे सबसे ज्यादा अज़ीज़ है .....
क्या आज भी वो तुम्हारे सामने हैं, 
ये कोई सवाल नही है, ये एक जवाब है.....
क्यों की जो अज़ीज़ है उसे नही पता,
पर जिसके लिए है वो जानता है........