कुछ दोस्तों की याद में रोया हु
कुछ दोस्तों की वजह से रोया हु
दोस्त वो नहीं जो दोस्ती में काम आये
दोस्त वो ज़रूरत में काम आये
ज़िन्दगी में कुछ लम्हों में बहुत कुछ पाया
ज़िन्दगी में गम के साथ दोखा भी खाया
इतना ज्यादा रोया हु मै यहाँ
आसुओ से प्यास बुझा लिया
हम रो कर भी गम हल्का न कर सके
उन्होंने हस कर हर गम छिपा लिया


